अनोखा वरदान

दोस्तों आज मैं अपने ब्लॉग “www.AccheQuotes.com” पर लिख रहा हूँ  “अनोखा वरदान ” जिसमे 6 नवयुवक एक बार राजा को चोरो से बचा लेते हैं राजा खुश होकर उन नवयुवको से उनकी इच्छा  पूछता हैं और पूरी करता हैं ,पढ़िए क्या -क्या वरदान मांगे उन नवयुवको ने

अनोखा वरदान:-

स्वर्णनगरी के राजा बड़े दयालु और दयावान थे। उनके राज में सभी जनता खुश रहती थी , राजा की एक आदत थी वो समय-समय पर अपने राज्य का भेष बदलकर भर्मण करते थे। लोगो से हाल-चाल पूछते थे,ताकि सभी लोग उनके राज्य में खुश रहे किसी को किसी चीज़ की कमी न रहे , एक दिन राजा लोगो का हाल-चाल पूछने के लिए अपने महल से निकले ,अम्बर में बिजली बार-बार चमक रही थी ,ये एक संकेत था जोरदार बारिश होने का पर फिर भी राजा परेशान नहीं हुए ,और चल दिए २ मील चलने  पर बहुत तेज बारिश होने लगी,और बार-बार बादल गरज रहे थे ,राजा के कुछ पीछे ही चोर चल रहे थे ,राजा के घोड़े छीनने के लिए कुछ दूर चलने पर उन 8 चोरो ने राजा को घेर लिया,लेकिन राजा घबराया नहीं तभी राजा को घिरा देखकर 6 नवयुवको ने उन चोरो को घेर लिया और पकड़ लिया,उन नवयुवको को पता था की राजा नगर के भर्मण के लिए निकलते हैं ,इसलिए वो बिना राजा को बताये राजा की पूरी सुरक्षा करते थे।

राजा बहुत खुश हुआ,अगले दिन जब नगर के लोगो को इस बात का पता लगा तो वो बहुत खुश हुए। राजा ने उन नवयुवको को बुलावा भेजा। जब जब उन नवयुवक ने  राजा के दरबार में प्रवेश किया ,तभी राजा ने अपने सिंघासन से उतारकर उन नवयुवको को गले लगाया ,और कहा आज मैं बहुत खुश हैं मांगो जो तुम्हे मांगना मैं अपनी सामर्थ्य अनुसार पूरी कोशिश करूँगा।

उन 6 नवयुवको में जो बड़ा था पहले राजा ने उसी से पूछा बोल भई तेरे को क्या चाहिए ,उसने कहा हुजूर मेरे पास मकान नहीं हैं मुझे मकान चाहिए ,राजा ने अपने  मंत्री को आज्ञा दी और उसे मकान मिल गया।

फिर दूसरे से पूछा तुमको क्या चाहिए ,उसने कहा हुजूर हमारे गाँव से इस राज्य के बीच कोई सड़क नहीं हैं ,बारिश में फल सब्जी बेचने वाले जब यहाँ आते है तब उन्हें बहुत दिक्कत होती ,सड़क बनवाने की कृपा करे.

राजा ने उसी समय सड़क बनवाने वाले मंत्री को सड़क बनवाने का आदेश दिया।

राजा ने तीसरे की इच्छा पूछी,उसने कहा मालिक मुझे नौकरी की सख्त आवश्यकता है ,मुझे नौकरी देने की कृपा करे,राजा ने उसे अपने राजदरबार में नौकरी पर रख लिया।

राजा ने अब चौथे राजकुमार से पूछा तुम्हे क्या चाहिए ,उसने कहा मुझे एक बोरी हीरे चाहिए ,राजा ने उसे एक बोरी हीरे दे दिए।

अब राजा ने पाचवे राजकुमार की इच्छा पूछी तुम्हे क्या चाहिए ,उस राजकुमार ने कहा हुजूर मुझे शादी करनी हैं ,तब राजा ने थोड़ी दूर बैठे विदूषक से कहा विदूषक तैयार हो गया।

अब अंतिम राजकुमार से उसकी इच्छा पूछी गयी ,उसने कहा हुजूर मैं चाहता हूँ  की जब तक आप या मैं जिन्दा रहू। साल में आप एकबार मेरे यहाँ भोजन करे ,इस इच्छा को सुनकर सभी दरबाऱी  हैरान हो गए ,उन्होंने सोचा यह नवयुवक बेवकूफ हैं।

स्वयं राजा को भी ये अजीब लगा।  आखिर राजा ने भी कह दिया था जो उसके वश में रहेगा वह उस इच्छा को पूरी करेगा। आखिर राजा ने निस्चय कर लिया एक दिन और एक रात उस लड़के के घर रहने का ,राजदरबार के अलग -अलग विभागों की जिम्मेदारी हो गयी की राजा के रथ को गुजरने के लिए एक सड़क बनानी पड़ेगी ,घोडे और  राजा के सेवको  का पूरा धयान रखना पड़ेगा कही उनको कोई परेशानी न हो , तब उन्होंने सोचा जहा राजा रुकेंगे वो राजशाही स्थान होना चाहिए पुरानी परम्परा के अनुसार ,तब उन्होंने मजदूरो को एक आलीशान महल बनाने का आदेश दिया ,जब महल बनकर तैयार हो गया फिर उन्होंने सोचा अब इस महल की देखरेख कौन करेगा,उस नवयुवक  की आमदनी भी बहुत कम हैं ,उस नवयुवक को बहुत सारा धन दिया गया ,नौकर-चाकर भी पुरानी परम्परा के अनुसार राजा किसी राजदरबारी का ही अतिथि बन सकता हैं इसलिए उसे राजदरबारी बना दिया।

अब तो उस नवयुवक का उतना ही सम्मान होने लगा जैसे किसी राजकुमार का होता।

अभी एक बात और बाकी थी ,जिस घर में राजा अतिथि हो उस घर की गृहणी को राजा की पसंद और  नाजुक व्यवहार का पता होना चाहिए ,इस बात को राजकुमारी से अच्छा कौन जान सकता था,राजकुमारी की शादी उस राजकुमार से कर दी गयी।

इस प्रकार इस नवयुवक ने एक वरदान पाकर वो ही सबकुछ पा लिया जो उन 5 नवयुवको ने अलग -अलग पाया था।

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